गाजियाबाद : विज्ञापन कारोबार में हिस्सेदारी का झांसा देकर एक एडवरटाइजिंग कंपनी के संचालक ने विज्ञापन कारोबारी से 80 लाख रुपये की ठगी की है। जब पीड़ित ने अपने हिस्से का मुनाफा मांगा तो आरोपी ने 117 करोड़ रुपये के चेक दिए जो बाउंस हो गए। एंटी फ्रॉड सेल की जांच के बाद वेव सिटी पुलिस ने धोखाधड़ी का केस दर्ज किया है।
क्या है पूरा मामला
एसीपी वेव सिटी प्रियाश्री पाल के अनुसार, शाहपुर बम्हेंटा गांव निवासी लव यादव का कहना है कि वह विज्ञापन का व्यवसाय करते हैं। वर्ष 2021 में साहिबाबाद इंडस्ट्रियल एरिया साइट-चार स्थित विस्तार कम्यूनिकेशन के संचालक रामेंद्र सिंह उर्फ रवि गुर्जर ने उनसे संपर्क किया। आरोपी ने दावा किया कि वह मीडिया-24 के साथ मिलकर गाजियाबाद नगर निगम से विज्ञापन का टेंडर ले रहा है और इस टेंडर में लव यादव को भी हिस्सा देगा। इसके लिए उसने 65 लाख रुपये की मांग की।
पार्टनरशिप से बाहर निकाला..
लव यादव ने आरोपी पर भरोसा करते हुए अपनी कंपनी वे एडवरटाइजिंग से 65 लाख रुपये अपने पिता विजय सिंह और परिचित मोहित के माध्यम से दिए। इसके बाद रामेंद्र सिंह ने 15 लाख रुपये और मांगे और कहा कि वह पार्टनरशिप के अनुबंध में लव यादव को भी शामिल करेगा। इस तरह आरोपी को कुल 80 लाख रुपये दे दिए गए। काफी समय बीतने के बाद जब लव यादव ने अपने हिस्से के मुनाफे के बारे में पूछा तो रामेंद्र टालमटोल करने लगा। संतोषजनक जवाब न मिलने पर पीड़ित ने खोजबीन की तो चौंकाने वाला सच सामने आया। रामेंद्र ने जो अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था, उसमें लव यादव का नाम ही नहीं था। साथ ही अनुबंध के नियमों के अनुसार कोई भी व्यक्ति तीन साल से पहले अपना हिस्सा किसी अन्य को देने का हकदार नहीं था।
117 करोड़ का चेक हुआ बाउंस
धोखाधड़ी का पता चलने पर लव यादव ने रामेंद्र से संपर्क किया तो उसने अपनी गलती मानते हुए रुपयों पर ब्याज देने का आश्वासन दिया। कई वर्षों तक परेशान होने के बाद भी कोई समाधान नहीं निकला तो पीड़ित ने पुलिस में शिकायत करने की बात कही। इस पर आरोपी ने 117 करोड़ रुपये के चेक सौंपे जो बाउंस हो गए। इसके बाद पीड़ित ने पुलिस से शिकायत की।
एंटी फ्रॉड सेल कर रही जांच
डीसीपी सिटी पंकज जयसवाल ने बताया कि एंटी फ्रॉड सेल की विस्तृत जांच के बाद वेव सिटी थाने में रामेंद्र सिंह उर्फ रवि गुर्जर के खिलाफ धोखाधड़ी और कूटरचित दस्तावेज तैयार करने का केस दर्ज कर लिया गया है। यह मामला व्यापारिक धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों की ओर इशारा करता है जहां ठग लोगों को बड़े मुनाफे का लालच देकर उनकी मेहनत की कमाई हड़प लेते हैं।