Retail inflation 2025 : देशवासियों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है। जून 2025 में खुदरा महंगाई दर गिरकर महज 2.1 प्रतिशत पर पहुंच गई है, जो कि पिछले छह सालों में सबसे निचला स्तर है। खाने-पीने की चीजों जैसे सब्जी, दाल, मांस, मछली, अनाज, चीनी, मसाले और दूध की कीमतों में आई नरमी के चलते यह गिरावट दर्ज की गई है। यह लगातार पांचवां महीना है जब महंगाई दर भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India) के निर्धारित 4% के मध्यम अवधि लक्ष्य से नीचे बनी हुई है और लगातार आठवां महीना है जब यह 6% के ऊपरी बैंड के नीचे रही है।
सोमवार को जारी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की रिपोर्ट के अनुसार, मई 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति 2.82% थी, जो जून में घटकर 2.1%हो गई। यानी महज एक महीने में 0.72% (72 बेसिस पॉइंट्स) की गिरावट देखने को मिली है। यह गिरावट जनवरी 2019 के बाद साल-दर-साल के आधार पर सबसे बड़ी है, जब महंगाई दर 1.97% दर्ज की गई थी। महंगाई में आई इस राहत से देश के करोड़ों आम लोगों की जेब पर पड़ा बोझ कुछ हल्का हुआ है। रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं के दाम कम होने से लोगों की थाली अब पहले से ज्यादा भरने लगी है।
विशेषज्ञों के मुताबिक, महंगाई में यह नरमी भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीतियों का असर भी दिखाती है। आरबीआई ने इस साल लगातार तीसरी बार रेपो रेट में कटौती की है। हाल ही में रेपो रेट को 50 बेसिस पॉइंट्स घटाकर 5.5% किया गया। इसके साथ ही आरबीआई ने वित्त वर्ष 2026 के लिए सीपीआई मुद्रास्फीति का अनुमान भी घटा दिया है। नए अनुमान के अनुसार, चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई दर 2.9%, दूसरी में 3.4%, तीसरी में 3.5% और चौथी तिमाही में 4.4% रहने की संभावना है।
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