Salman Khurshid : JDU सांसद संजय कुमार झा के नेतृत्व में पूर्वी एशिया गए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का एक बयान चर्चा में है.खुर्शीद ने अपने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा कि “जब आतंकवाद के खिलाफ मिशन पर वो भारत का संदेश दुनिया तक पहुंचा रहे हैं,यह दुखद है कि घर में लोग राजनीतिक निष्ठाओं की गणना कर रहे हैं. क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है?”गौरतलब है कि बीते दिनों खुर्शीद का एक और बयान चर्चा में रहा, जब उन्होंने आर्टिकल 370 को लेकर पार्टी के स्टैंड से हटकर बयान दिया था.

सलमान खुर्शीद ने क्या कहा

कांग्रेस नेता और विभिन्न देशों में केंद्र सरकार के आतंकवाद विरोधी अभियान को अंजाम देने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य सलमान खुर्शीद ने सोमवार को कहा कि यह दुखद है कि भारत में लोग उनकी राजनीतिक निष्ठाओं की गणना कर रहे हैं. जब कोई आतंकवाद के खिलाफ चल रहे अभियान का हिस्सा हो तो क्या देशभक्त होना इतना कठिन है? हालांकि अपने पोस्ट में कांग्रेस नेता ने यह साफ नहीं किया कि वह अपने पोस्ट से किसे निशाना बना रहे हैं.

गौरतलब हो कि पोस्ट के बाद जब एक समाचार एजेंसी ने सलमान खुर्शीद से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि उन्हें लगातार कई सवालों का सामना करना पड़ रहा है,लोगों पूछत रह हैं,कि आप उस प्रतिनिधिमंडल में क्या कर रहे हैं जहां भाजपा के लोग हैं.आप वहां क्या कर रहे हैं? हम यहां क्या कर रहे हैं? हम यहां वही कर रहे है जो देश के लिए जरूरी है.मुझे लगता है कि जब मैं कहता हूं कि क्या देशभक्त होना इतना मुश्किल है? तो उन लोगों से यह सवाल पूछा जाना चाहिए, जो ट्वीट कर रहे ऐसी बातें कह रहे हैं,जो देश के लिए कुछ करने के लिए यह बहुत उत्साहजनक नहीं हैं.

अनुच्छेद 370 को लेकर सलमान खुर्शीद ने क्या कहा था

इससे पहले पिछले सप्ताह इंडोनेशिया में कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद ने अनुच्छेद 370 को लेकर कहा था कि अनुच्छेद 370 ने यह भावना पैदा कर दी थी कि जम्मू-कश्मीर भारत से अलग है. लेकिन अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया गया और अंततः इसे समाप्त कर दिया गया. बता दें कि कुछ दिन पहले कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने भारत के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पर विवादास्पद टिप्पणी करते हुए कहा था कि हमारे सांसद घूम रहे हैं और आतंकवादी भी घूम रहे हैं. पार्टी द्वारा यह भी सवाल किया गया कि केंद्र सरकार ने इस अभियान के लिए चयन हेतु पार्टी द्वारा दिए गए नामों को नजरअंदाज कर दिया.