गुरुवार देर रात इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने ईरान की राजधानी तेहरान पर जोरदार बमबारी की है। दावा किया जा रहा कि इजरायल ने ईरानी सेना के ठिकानों, अधिकारियों और न्यूक्लियर साइट्स को निशाना बनाया है। इजरायल ने शुक्रवार की सुबह इन हमलों की पुष्टि करते हुए कहा कि हमने अपनी रक्षा के लिए बीती रात ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ के नाम से दुश्मनों पर कार्रवाई की है.
हमले पर पीएम नेतन्याहू का बड़ा बयान
मध्य पूर्व में बढ़ रहे तनाव को लेकर इजराइल ने ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को लेकर बड़ी घोषणा करते हुए इसे इतिहास की दिशा बदलने वाला कदम बताया है। प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा कि ईरान के पास इजराइल को गंभीर नुकसान पहुंचाने की क्षमता है, लेकिन उनकी सरकार और सेना हर स्थिति के लिए पूरी तरह तैयार है।
आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित नहीं रह पाएगा
नेतन्याहू ने अपने संबोधन में कहा कि यह फैसले की घड़ी है। यदि अभी कार्रवाई नहीं की गई, तो आने वाली पीढ़ियों का भविष्य सुरक्षित नहीं रह पाएगा। उन्होंने दावा किया कि ईरान के पास नौ परमाणु बम बनाने लायक यूरेनियम है और वह अगले छह सालों में 20,000 बैलिस्टिक मिसाइलें तैयार करने की योजना बना चुका है, जो मिनटों में इजराइल तक पहुंच सकती हैं।
नेतन्याहू के संबोधन की 10 अहम बातें
- इजराइली सेना और सुरक्षा एजेंसियों के निर्देशों का पालन करें।
- यदि अभी हमला नहीं किया गया, तो आने वाली पीढ़ियों का भविष्य दांव पर होगा।
- ट्रम्प की राय है कि ईरान को परमाणु हथियार नहीं लेने दिए जा सकते।
- अगर दुश्मन कहे कि वह आपको खत्म करना चाहता है, तो उस पर यकीन करें और उसे रोकें।
- इजराइल, ईरानी जनता से नहीं, बल्कि उनकी सरकार से लड़ रहा है।
- ईरानी शासन दशकों से अपने नागरिकों का दमन कर रहा है।
- भविष्य में ईरान और इजराइल के बीच फिर से दोस्ती हो सकती है।
- यह हमला केवल इजराइल की सुरक्षा के लिए नहीं, पूरी दुनिया की सुरक्षा के लिए है।
- ईरान आतंकवाद को बढ़ावा दे रहा है और वैश्विक अस्थिरता फैला रहा है।
- आज का दिन अच्छाई और रोशनी की जीत की शुरुआत के रूप में याद रखा जाएगा।
अमेरिका ने चेतावनी देते हुए बनाई दूरी
इस बीच अमेरिका ने खुद को इस सैन्य कार्रवाई से अलग कर लिया है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इसे इजराइल की ‘एकतरफा कार्रवाई’ करार देते हुए कहा कि अमेरिका इसमें शामिल नहीं है। उन्होंने ईरान को चेतावनी दी कि वह जवाबी हमला करते समय अमेरिकी सैनिकों को निशाना न बनाए।
रुबियो ने स्पष्ट किया कि अमेरिका की प्राथमिकता अपने सैनिकों की सुरक्षा है और इसके लिए सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं। हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इजराइल ने इस हमले की जानकारी अमेरिका को पहले ही दे दी थी।
ईरान को परमाणु हथियार नहीं मिल सकते
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी बुधवार को एक बयान में कहा कि ईरान को परमाणु हथियार नहीं मिल सकते। बहुत सीधी बात है। हम ऐसा नहीं होने देंगे। ज्ञात हो कि बीते दिनों शुरू हुए ईरान और इजराइल के बीच तनाव ,अब सैन्य टकराव में बदल चुका है। जहां एक ओर इजराइल इस हमले को भविष्य की सुरक्षा के लिए जरूरी बता रहा है, वहीं अमेरिका ने इससे दूरी बनाते हुए हालात को और संवेदनशील बना दिया है। आने वाले दिन इस पूरे क्षेत्र के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।