Prime Minister Modi : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को गांधीनगर में एक रैली में अपने संबोधन में दावा किया कि यदि 1947 में देश के विभाजन के बाद देश के प्रथम गृह मंत्री सरदार पटेल की सलाह मान ली गई होती तो भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियां रुक गई होती.
गांधीनगर में रैली को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से कश्मीर पर कब्जा करने के लिए आक्रमण करने वाले मुजाहिद्दीन लड़ाकों से निपटने के बारे में पटेल की सलाह को कथित तौर पर नजरअंदाज कर दिया गया. प्रधानमंत्री ने कहा 1947 में भारत माता के टुकड़े कर दिए गए. जंजीरें काटनी चाहिए थीं, लेकिन हाथ काट दिए गए. देश तीन टुकड़ों में बंट गया और उसी रात कश्मीर की धरती पर पहला आतंकी हमला हुआ. पाकिस्तान ने मुजाहिद्दीन के नाम पर आतंकियों की मदद से भारत माता के एक हिस्से पर कब्जा कर लिया. अगर उस दिन ये मुजाहिद्दीन मारे गए होते और सरदार पटेल की सलाह मान ली गई होती तो पिछले 75 सालों से चल रहा आतंकवादी घटनाओं का ये सिलसिला न दिखता.
अपने संबोधन के दौरान पीएम ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को जब यह एहसास हो गया कि वह प्रत्यक्ष युद्ध में भारत को नहीं हरा सकता तो उसने सीमा पार आतंकवाद के रूप में भारत के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर शुरू कर दिया. उन्होंने कहा जब पाकिस्तान के साथ युद्ध की जरूरत पड़ी तो भारत की सैन्य शक्ति ने तीनों बार पाकिस्तान को हराया.जिससे पाक को समझ में आ गया था कि वह सीधे तौर पर युद्ध में भारत को नहीं हरा सकता. तो उसने भारत के खिलाफ प्रॉक्सी वॉर शुरू कर दिया और उन्हें जहां भी मौका मिला वे हमला करते रहे और हम इसे बर्दाश्त करते रहे.
ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बहादुरों की भूमि है और उन्होंने जोर देकर कहा कि 6 मई के बाद आतंकवादी हमलों को अब प्रॉक्सी वॉर नहीं कहा जा सकता. ये वीरों की धरती है. अब तक जिसे हम प्रॉक्सी वॉर कहते थे 6 मई के बाद जो दृश्य देखने को मिले, उसे अब हम प्रॉक्सी वॉर कहने की गलती नहीं कर सकते. इसकी वजह ये है कि जब सिर्फ़ 22 मिनट के भीतर नौ आतंकी ठिकानों की पहचान करके उन्हें नष्ट कर दिया गया, तो ये एक निर्णायक कार्रवाई थी. पीएम ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि इस बार सब कुछ कैमरों के सामने किया गया ताकि घर बैठे कोई सबूत न मांग सके.