केंद्र सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर और सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत का रुख बताने के लिए सर्वदलीय सांसदों के 7 डेलिगेशन बनाए हैं.ये डेलिगेशन दुनिया के बड़े देशों, खासकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी (UNSC)के सदस्य देशों का दौरा करेगा.तो वहीं इसी बीच उद्धव ठाकरे की शिवसेना के नेताओं की इस डेलिगेशन को लेकर अलग-अलग राय सामने आई है.

दरअसल, शिवसेना यूबीटी के सांसद संजय राउत ऑपरेशन सिंदूर पर जाने वाले 7 डेलिगेशन को नाटक बता रहे हैं, तो वहीं शिवसेना यूबीटी की ही नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने इसे जरूरी मिशन बताया है.प्रियंका चतुर्वेदी का कहना है कि हम इसे सशस्त्र बलों की ओर से कर रहे हैं.उन्होंने कहा कि ये हम उन सभी लोगों के लिए कर रहे हैं, जो आतंकी हमलों के शिकार हुए हैं.

अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में पीआर का इतना ज़ोरदार इस्तेमाल कोई आश्चर्य की बात नहीं है. उन्होंने कहा कि सच्चाई सामने आएगी और आतंकवाद के समर्थक बेनकाब होंगे.

उन्होंने आगे कहा कि ऑपरेशन सिंदूर का हिस्सा बनकर और माननीय रविशंकर प्रसाद के नेतृत्व में पश्चिमी यूरोप जा रहे सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनकर वाकई बहुत सम्मानित महसूस कर रही हूं…आतंकवाद को बढ़ावा देने और सहायता करने के लिए पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर बेनकाब करने के लिए यह हमारा संयुक्त प्रयास है. यह हमारी जवाबी लड़ाई है…

जबकि, इस मामले में संजय राउत का कहना था कि देखिए बीजेपी इस मामले में भी राजनीति कर रही है ये ठीक नहीं है…संजय राउत ने कहा था कि TMC के 35 और समाजवादी पार्टी के 40 लालू प्रसाद के भी लगभग पांच मेंबर हैं. राउत ने कहा कि आप ऑल पार्टी डेलिगेशन की बात करते हो तो आप को सबको ले जाना चाहिए. वहीं उन्होंने अपनी दूसरी मांग को बताते हुए कहा कि ऑल पार्टी डेलिगेशन को कश्मीर में लेकर जाना चाहिए.आप ये दोनों नहीं कर रहे हैं.

शिवसेना नेता ने कहा कि ये क्या करेंगे वहां जाकर? आप इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करना चाहते हो क्या? इजराइल और गाजा का युद्ध चल रहा है. पीएम पुतिन ने हमारे यहां डेलिगेशन नहीं भेजा है. ये लोग क्या कर रहे हैं क्या नौटंकी चल रही है ये ?