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भारत की इंजीनियरिंग का चमत्कार,जानें क्या है दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज की खासियत

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inkhbar News
  • Last Updated: June 6, 2025 13:29:04 IST

Chenab Rail Bridge : 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (6 जून) जम्मू-कश्मीर के दौरे पर हैं. इस अहम यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे आर्च ब्रिज चेनाब ब्रिज का उद्घाटन सहित कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया और देश को एक नई ऐतिहासिक सौगात दी. इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री ने एक विशेष स्मारक सिक्का भी जारी किया.

जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में स्थित यह ब्रिज भारत की इंजीनियरिंग का अद्भुत उदाहरण है. चेनाब नदी पर बना यह पुल नदी के तल से 359 मीटर (करीब 1,178 फीट) की ऊंचाई पर है, जो इसे पेरिस के एफिल टावर (324 मीटर) से भी 35 मीटर ऊंचा बनाता है. दिल्ली की कुतुब मीनार से यह लगभग 5 गुना ऊंचा है. ज्ञात हो कि ब्रिज की कुल लंबाई 1,315 मीटर है और इसका आर्च सेक्शन अकेले ही 467 मीटर लंबा है.

6-7 घंटे का सफर अब 3 घंटे में होगा पूरा

यह ब्रिज बक्कल और कौरी गांवों को जोड़ता है और उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) प्रोजेक्ट का अहम हिस्सा है. इसके निर्माण के बाद से कटरा से श्रीनगर के बीच वंदे भारत ट्रेन भी शुरू की जाएगी, जिसके कारण 6-7 घंटे का सफर अब केवल 3 घंटे में पूरा होगा.

लगभग 1,486 करोड़ रुपये की लागत से बना यह चेनाब ब्रिज कई चुनौतियों से गुजर कर तैयार हुआ है. इसकी योजना को 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने मंजूरी दी थी, और निर्माण कार्य 2004 में शुरू हुआ. हालांकि कई तकनीकी और भौगोलिक कठिनाइयों के चलते इसमें दो दशक लग गए. 2017 में इसका बेस, अप्रैल 2021 में मुख्य आर्च और अगस्त 2022 तक इसका संपूर्ण निर्माण पूरा हुआ.

भूकंप से नहीं होगा नुकसान

इस पुल के निर्माण में 30,000 मीट्रिक टन स्टील, 46,000 क्यूबिक मीटर कंक्रीट और 6 लाख से ज्यादा बोल्ट लगाए गए हैं, जो इसकी मजबूती का प्रमाण हैं. इसे 266 किमी/घंटा की हवाएं, रिक्टर स्केल पर 8 तीव्रता तक के भूकंप और 40 टन टीएनटी विस्फोट सहने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इसकी आयु 120 वर्ष आंकी गई है. ब्रिज को जंग से बचाने के लिए विशेष एंटी-कोरोज़न पेंट का उपयोग किया गया है, जो इसे 20 वर्षों तक सुरक्षा प्रदान करेगा.