Swachhta Survey 2025: स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर साल आयोजित होने वाला स्वच्छता सर्वेक्षण न केवल शहरों की स्वच्छता का मूल्यांकन करता है, बल्कि यह देश भर में स्वच्छता के प्रति जागरूकता और प्रतिस्पर्धा को भी बढ़ावा देता है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 के परिणामों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि इच्छाशक्ति और सामुदायिक भागीदारी के बल पर असंभव को संभव किया जा सकता है। मध्य प्रदेश का इंदौर शहर लगातार आठवीं बार देश का सबसे स्वच्छ शहर बनकर उभरा है, जबकि उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद, जो कभी कागजी आंकड़ों के दम पर शीर्ष पर रहा, इस बार रैंकिंग में फिसड्डी साबित हुआ है।
इंदौर ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में एक बार फिर अपनी बादशाहत कायम रखी। 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की सुपर स्वच्छ लीग श्रेणी में इंदौर ने न केवल पहला स्थान हासिल किया, बल्कि अपनी डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण प्रणाली और “नो डस्टबिन” नीति के दम पर देशभर में स्वच्छता की मिसाल कायम की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 17 जुलाई 2025 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया।
3 से 10 लाख आबादी वाली श्रेणी में नोएडा ने पहला स्थान हासिल कर उत्तर प्रदेश का नाम रोशन किया। यह शहर अपनी तकनीकी प्रगति के साथ-साथ अब स्वच्छता के क्षेत्र में भी अग्रणी बन गया है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2024-25 में नोएडा ने चंडीगढ़ और मैसूर को पीछे छोड़ते हुए शीर्ष स्थान प्राप्त किया।
उत्तर प्रदेश का गाजियाबाद, जो पिछले तीन वर्षों से 10 लाख से अधिक आबादी वाली श्रेणी में राज्य में प्रथम स्थान पर था, इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण में पिछड़ गया। ओवरऑल रैंकिंग में गाजियाबाद 11वें स्थान पर रहा, जो पिछले वर्ष के 19वें स्थान से बेहतर है, लेकिन इसकी श्रेणी में यह तीसरे स्थान पर खिसक गया। कचरा निस्तारण की कमजोर व्यवस्था और वायु प्रदूषण जैसे मुद्दों ने गाजियाबाद की रैंकिंग को प्रभावित किया।
कपिल मेहरा-गाजियाबाद
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