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बकरीद पर नहीं होगी कुर्बानी! इस मुस्लिम देश ने लगाया बैन

Bakrid News
inkhbar News
  • Last Updated: June 3, 2025 15:47:53 IST

Bakrid News: देशभर में आगामी 7 जून को बकरीद का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा. बकरीद में मुस्लिम धर्म के लोग बकरे की कुर्बानी देते हैं, लेकिन इसी बीच एक मुस्लिम देश ने ऐसा फरमान जारी किया है जो कुर्बानी देने वालों के लिए मिसाल है. दरअसल, अफ्रीकी देश मोरक्को ने इस साल ईद अल अजहा यानी बकरीद पर कुर्बानी देने पर रोक लगा दी है. देश में पड़ रहे सूखे की वजह से राजा मोहम्मद ने वहां पर कुर्बानी देने पर रोक लगा दी है. इतना ही नहीं, सरकार के सख्त आदेश हैं कि इस बार कोई भी नागरिक बकरीद पर बकरे या फिर किसी भी जानवर की कुर्बानी न दे. ऐसे में अब सभी के मन में सवाल उठ रहा है कि ऐसा बैन लगाने वाला मोरक्को अकेला देश है या फिर इसके साथ ही और भी देशों में कुर्बानी पर बैन है.

सरकार के खिलाफ लोगों में गुस्सा

बता दें कि मोरक्को की 99% आबादी इ्स्लामिक है. ऐसे में वहां बकरीद के त्योहार को काफी महत्व दिया जाता है. यही कारण है कि वहां के लोगों में अपनी सरकार के प्रति गुस्सा देखा जा रहा है. इतना ही नहीं, बकरीद में कुर्बानी पर बैन को लेकर धार्मिक बहस भी छिड़ी हुई है कि क्या कोई सरकार या राजा को धार्मिक अनुष्ठान रोकने का हक है. हालांकि, मोरक्को के साथ-साथ भारत में भी कुछ लोगों का कहना है कि बकरीद पर बकरे की बलि देने की प्रथा पर सरकार को बैन लगाना चाहिए. जिसको लेकर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नितेश राणे और गाजियाबाद से बीजेपी विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने भी लोगों से इको फ्रेंडली बकरीद मनाने की अपील की है. चलिए अब बताते हैं कि मोरक्को के अलावा और कौन से देश में बलि पर बैन है.

अकेला देश नहीं है मोरक्को

दरसअल, किसी धार्मिक अनुष्ठान के लिए पशुओं की बलि को बैन करने वाला मोरक्को अकेला देश नहीं है, बल्कि नेपाल, चीन और ताइवान में भी धार्मिक अनुष्ठान के लिए पशु बलि पर रोक है या फिर कुछ हद तक प्रतिबंधित है. बकरीद की तरह नेपाल में गढ़ीमाई त्योहार होता है. जिसमें पशु बलि पर पूरी तरह से बैन लगाया जा चुका है. पहले नेपाल के गढ़ीमाई मंदिर में लाखों पशु बलि की भेंट चढ़ जाते थे, लेकिन साल 2015 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. ये फैसला पशुओं को बचाने के लिए लिया गया है.

वहीं चीन में तो ज्यादातर लोग बौद्ध धर्म का पालन करते हैं. ऐसे में वो किसी भी तरह की हत्या, अनुष्ठान, बलिदान और पूजा पर प्रतिबंध लगाते हैं. इसलिए वहां पर भी पशु बलि पर किसी भी तरह से रोक है. इसके अलावा खुद को चीन से अलग मानने वाला ताइवान, जिसे चीन कभी खुद से अलग नहीं माना. ऐसे में वहां पर भी काऊशुंग में या फिर ताओवादी मंदिर में पशु बलि पर बैन लगा हुआ है.