Iran-Israel: इजरायल-ईरान के बीच जंग में अमेरिका की एंट्री के बाद अब ईरान बड़ा कदम उठा सकता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अब ईरान की संसद में होर्मुज जलडमरूमध्य को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी भी मिल गई है।हालांकि, इस पर सुप्रीम नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल आखिरी निर्णय लेगी। फिलहाल रविवार को इसको लेकर वोटिंग करवाई गई थी। इस जलमार्ग से दुनियाभर का करीब 26 फीसदी तेल व्यापार होता है। अगर ईरान अपने इस कड़े फैसले को लागू कर देता है तो पूरी दुनिया में तहलका मच जाएगा। जिसका असर अमेरिका और भारत पर भी पड़ेगा।

इस रास्ते पर है ईरान का अधिकार

बता दें, होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को अरब सागर और हिंद महासागर से जोड़ता है। जो करीब 33 किलोमीटर चौड़ा रास्ता है जिसपर ईरान का अधिकार है। इस जलमार्ग में शिपिंग लेन करीब 3 किलोमीटर चौड़ी है। ऐसे में यह रास्ता पूरी दुनिया के लिए अहम हो जाता है। खाड़ी देशों के तेल की ज्यादातर सप्लाई भी इसी रास्ते से होती है।

एजेंडे में शामिल है जलडमरूमध्य को बंद करना

वहीं, इसको लेकर सांसद और रिवोलूशनरी गार्ड कमांडर इस्माइल कोसारी का कहना है कि जलडमरूमध्य को बंद करना हमारे एजेंडे में शामिल है। जरूरत पड़ने पर इसे बंद कर दिया जाएगा। ईरान की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल भी अगर होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने को मंजूरी दे देती है तो दुनिया में खलबली मचनी तय है। इतना ही नहीं, ईरान के सांसद याज्दिखाह ने पहले ही कह दिया था कि अगर इस युद्ध में इजरायल के साथ अमेरिका भी शामिल हो जाता है तो फिर होर्मुज को बंद किया जा सकता है।

वैश्विक संकट को आमंत्रण देने जैसा

दरअसल, होर्मुज को बंद करना एक वैश्विक संकट को आमंत्रण देने जैसा होगा। यह शिपिंग रूट करीब 96 मील लंबा है। ईरान अगर ऐसा सख्त कदम उठाता है तो कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी होगी। जिसके बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ेंगी और फिर दुनिया का बड़ा हिस्सा महंगाई से त्रस्त हो जाएगा। यह रास्ता बंद हुआ तो जहाजों को अपना रास्ता बदलना पड़ जाएगा। ऐसे में डिलिवरी टाइम और लागत दोनों बढ़ जाएगी।