News India 24x7
  • होम
  • Others
  • फ्लाइट में यात्रियों को नहीं पसंद…फिर भी बढ़ सकती है इस सीट की डिमांड ! अहमदाबाद विमान हादसे से भी है कनेक्शन

फ्लाइट में यात्रियों को नहीं पसंद…फिर भी बढ़ सकती है इस सीट की डिमांड ! अहमदाबाद विमान हादसे से भी है कनेक्शन

News India 24x7
inkhbar News
  • Last Updated: June 15, 2025 10:45:25 IST

नई दिल्ली। गुरुवार को अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट एक भीषण हादसे का शिकार हो गई. बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान टेकऑफ के चंद सेकंड बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इस विमान में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स सहित कुल 242 लोग सवार थे. इस हादसे में 241 लोगों की मौत हो गई लेकिन इस हादसे में चमत्कारिक रूप से एक यात्री की जान बच गई.

सीट नंबर 11A की चर्चा

अहमदाबाद प्लेन हादसे में बचने वाले एकमात्र यात्री का नाम विश्वास कुमार रमेश है, जो बिजनेस क्लास में सीट नंबर 11A पर बैठे थे. हैरान करने वाली बात ये है कि इस भीषण हादसे में ना सिर्फ उनकी जान बच गई बल्कि चमत्कारिक रूप से विश्वास को गंभीर चोटें भी नहीं आईं. हादसे के बाद से यह सीट नंबर 11A चर्चा का विषय बना हुआ है.

27 साल पहले भी सीट 11A से जुड़ा था एक चमत्कार

दिलचस्प बात यह है कि ऐसा ही एक चमत्कार वर्ष 1998 में थाईलैंड में हुए एक विमान हादसे के दौरान भी देखने को मिला था. उस वक्त प्रसिद्ध थाई एक्टर और सिंगर रुआंगसाक जेम्स लोयचुसाक भी विमान दुर्घटना का शिकार हुए थे लेकिन वे भी सीट 11A पर बैठे होने के कारण सुरक्षित बच निकले थे. अब जब उन्हें एयर इंडिया के हालिया हादसे की खबर मिली और पता चला कि जिंदा बचने वाला यात्री भी सीट 11A पर था तो वे स्तब्ध रह गए और अपनी बात कही.

थाई एक्टर जेम्स का सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट

थाई एक्टर जेम्स लोयचुसाक ने सोशल मीडिया पर इस संयोग का ज़िक्र करते हुए लिखा कि भारत में हुए विमान हादसे में जीवित बचा एकमात्र व्यक्ति मेरी ही सीट संख्या 11A पर बैठा था. रोंगटे खड़े हो गए. उन्होंने बताया कि 1998 के उस हादसे में वे सिर्फ 20 वर्ष के थे और थाई एयरवेज की फ्लाइट TG261 में यात्रा कर रहे थे. विमान लैंडिंग के दौरान दलदल में फंसकर क्रैश हो गया था. उस हादसे में 101 लोगों की मौत हुई थी और जेम्स सहित सिर्फ 45 यात्री बच पाए थे.

हादसे के बाद लंबे समय तक सदमे में रहे थे जेम्स

जेम्स ने यह भी बताया कि उस हादसे के बाद वे करीब 10 वर्षों तक गहरे मानसिक सदमे में रहे. फ्लाइट में चढ़ने से डरते थे,लोगों से बातचीत से बचते थे और काले बादलों को देखकर घबरा जाते थे. उन्होंने कहा कि मैं किसी को खिड़की बंद नहीं करने देता था. बाहर देखने से मुझे लगता था कि मैं स्थिति को नियंत्रित कर रहा हूं.

दो अलग-अलग विमान हादसों में एक ही सीट नंबर से जुड़े ऐसे चमत्कारिक संयोग ने सोशल मीडिया पर हलचल मचा दी है. लोग सीट 11A को लकी सीट कह रहे हैं,तो कुछ इसे महज एक इत्तेफाक मान रहे हैं. लेकिन एक बात साफ है इन हादसों में जिंदा बचे दोनों यात्रियों की कहानी के बाद से इस सीट की डिमांड बढ़ने वाली है.