Ahmedabad Plane Crash : गुजरात की व्यावसायिक राजधानी अहमदाबाद बुधवार दोपहर एक भयावह विमान हादसे की गवाह बनी. यह हादसा तब हुआ जब एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 टेकऑफ के चंद सेकंड बाद ही मेघानी नगर क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त हो गई. यह विमान अहमदाबाद से लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट के लिए रवाना हुआ था. विमान में कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें 230 यात्री और 12 क्रू सदस्य शामिल थे.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार टेकऑफ के कुछ ही पलों बाद विमान ने असामान्य कंपन और शोर किया और फिर तेज़ी से नीचे गिरता हुआ एक आवासीय इलाके से जा टकराया. इसके तुरंत बाद आसमान में काले धुएं का विशाल गुबार छा गया और इलाके में अफरा-तफरी मच गई. हादसे के तुरंत बाद एनडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, एंबुलेंस और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. इलाके को सील कर राहत एवं बचाव कार्य जारी है. हादसे के कारण कई मकान और वाहन भी क्षतिग्रस्त हुए हैं. अब तक हताहतों की सटीक संख्या की पुष्टि नहीं हो पाई है, लेकिन आशंका जताई जा रही है कि दुर्घटना में विमान में सवार सभी 242 यात्रियों की मौत हो चुकी है.

भारत में अब तक हुए बड़ा विमान हादसा

जानकारी के लिए बता दें कि अहमदाबाद में हुआ विमान हादसा भारत में हुआ पहला बड़ा हादसा नहीं है. भारत में हुए सबसे बड़ा विमान हादसा 1996 में हुआ था जब दो विमानों की हवा में टक्कर में 349 लोगों की जान गई थी. इसके साथ साथ हुए कुछ अन्य प्रमुख हादसे:

  • 1972, जापान एयरलाइंस (दिल्ली) – 85 मौतें
  • 1978, एयर इंडिया फ्लाइट 855 (मुंबई) – 213 मौतें
  • 1988, इंडियन एयरलाइंस IC-113 (अहमदाबाद) – 133 मौतें
  • 2010, एयर इंडिया एक्सप्रेस (मंगलौर) – 158 मौतें
  • 2020, एयर इंडिया एक्सप्रेस (कोझीकोड) – 18 मौतें

क्यों होता है प्लेन क्रैश ?

विमानन सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार टेकऑफ और लैंडिंग के दौरान विमान सबसे अधिक संवेदनशील स्थिति में होता है. 2023 में जारी हुए वैश्विक आंकड़ों के अनुसार वर्ष भर में हुए 109 विमान हादसों में से 37 टेकऑफ के दौरान हुए. लेकिन इसके आलावा भी कई दूसरे कारण से हादसे होते हैं. जिसमें…

  • तकनीकी खराबी – इंजन फेल या सिस्टम की गड़बड़ी
  • मानवीय भूल – पायलट या एटीसी की लापरवाही
  • मौसम संबंधी बाधाएं – बारिश, कोहरा, तेज हवा
  • रनवे की स्थिति – फिसलन या लंबाई की कमी

अहमदाबाद हादसा एक बार फिर भारत में विमानन सुरक्षा पर सवाल खड़े करता है. हालांकि हवाई यात्रा अभी भी सड़क या रेल की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित मानी जाती है, फिर भी सुरक्षा मानकों को और अधिक सख्त करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है.