Shiv bhajan : हर साल की तरह इस बार भी शिव भजन आत्मा को छू लेने वाली भक्ति हैं। भगवान शिव को “भोलेनाथ”, “महादेव” और “नटराज” जैसे अनेक नामों से जाना जाता हैं। वे खत्म करना और बनाना दोनों के भाग हैं। शिव भजन शिव के प्रति समर्पण और भक्ति के रूप में गाने को प्रकट करने का तरीका हैं। यह केवल एक गीत नहीं, बल्कि मन को शुद्ध करने तरीका भी हैं।
शिव भजन गाने या सुनने से मन को शांति मिलती हैं और नेगेटिव एनर्जी दूर होती हैं। ये भजन भक्तों को ईश्वर से जोड़ते हैं। मन की शांति: शिव भजन सुनने से मन शांत होता हैं और चिंता कम होती हैं।पॉजिटिविटी एनर्जी: वातावरण में पॉजिटिविटी का संचार होता हैं। भक्ति का भाव: ईश्वर के प्रति प्रेम और श्रद्धा होती हैं। ध्यान में सहित: शिव भजन ध्यान करने में मदद करते हैं।
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भारत के अलग-अलग हिस्सों में शिव भजन लोक गीतों के रूप में भी गाए जाते हैं, जैसे कि कावड़ यात्रा के समय, महाशिवरात्रि या सावन के महीने में। यह भजन न सिर्फ मंदिरों में, बल्कि गांवों, मेलों और यात्राओं में भी गूंजते हैं। शिव भजन केवल गीत नहीं, बल्कि मन से संबंध रखने वाली यात्रा हैं। यह आत्मा को भगवान शिव के चरणों में ले जाकर उसे शुद्ध करता हैं। अगर जीवन में शांति, स्थिरता और भक्ति की आवश्यकता हो, तो रोज़ कुछ समय शिव भजनों के लिए अवश्य निकालें।