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भगवान शिव को त्रिशूल किसने दिया? जानिए इस दिव्य अस्त्र की कहानी…

Sawan2025
inkhbar News
  • Last Updated: July 18, 2025 13:14:00 IST

 Shivji Trishul Origin: भगवान शिव को त्रिशूल (तीन धार वाला शस्त्र) के रूप में पहचाना जाता है। यह त्रिशूल उनके सबसे खासअस्त्रों में से एक है, जो शक्ति, स्थिरता और न्याय का प्रतीक है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भगवान शिव को यह त्रिशूल आखिर किसने दिया था? इस सवाल का जवाब हमें पुराणों में मिलता है।

त्रिशूल किसने दिया था?

पुराणों के अनुसार, भगवान शिव को त्रिशूल विश्वकर्मा जी ने दिया था। विश्वकर्मा देवताओं के शिल्पकार और अस्त्रों के बनाने वाले माने जाते हैं। उन्होंने यह त्रिशूल भगवान शिव के लिए विशेष रूप से तैयार किया था। यह त्रिशूल बहुत ही शक्तिशाली है और इससे बुराई, अहंकार और अधर्म को खत्म किया जाता है।

त्रिशूल का अर्थ और महत्व

•त्रिशूल की तीन धारें सृजन (Creation), संरक्षण (Preservation), और विनाश (Destruction) का प्रतीक हैं।
•ये तीन धारें शिव के तीन रूपों – ब्रह्मा, विष्णु और रुद्र – का भी प्रतीक हैं।
•यह हमें सिखाता है कि जीवन में हर चीज का एक संतुलन जरूरी है – जन्म, जीवन और मृत्यु।

कब और क्यों दिया गया त्रिशूल?

कहानी के अनुसार, जब ब्रह्मांड में असुरों और बुराई का प्रभाव बढ़ने लगा, तब देवताओं ने भगवान शिव से प्रार्थना की कि वे राक्षसों का नाश करें। तब विश्वकर्मा जी ने भगवान शिव के लिए त्रिशूल बनाया और उन्हें भेंट किया। शिव जी ने इस त्रिशूल से कई राक्षसों का नाश किया, जैसे – त्रिपुरासुर, अंधकासुर, और कई दूसरे राक्षस ।

त्रिशूल और शिव की पहचान

भगवान शिव के हाथ में हमेशा त्रिशूल रहता है। यह उनके रौद्र रूप का प्रतीक है, जो अन्याय और बुराई को नष्ट करता है। त्रिशूल से जुड़ी यह कथा हमें यह भी सिखाती है कि जब बुराई बढ़ जाती है, तो उसका अंत जरूरी होता है।

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