India-China: चीन ने एक बार फिर बड़ी कारस्तानी कर दी है, जिसका खामियाजा न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया को भुगतना पड़ेगा। दरअसल चीन ने अपने 300 कर्मचारियों को भारत से वापस बुला लिया है, जिससे सबसे भारत को तो नुकसान होगा ही साथ ही इससे अमेरिका को भी बड़ा झटका लगा है।
बता दें, फॉक्सकॉन एपल के लिए आईफोन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनी है। अब फॉक्सकॉन बेंगलुरु के देवनाहाली में एक बड़ा प्लांट लगा रही है, जिससे कि आईफोन की अपकमिंग सीरीज आईफोन 17 को भारत में ही बनाया जा सके। कंपनी चीन की है तो इसमें ज्यादातर इंजीनियर भी चीन के ही हैं, जिन्हें देवनाहाली के आस-पास रहने के लिए घर भी चाहिए। जिस कारण देवनाहाली और उसके आसपास के रियल स्टेट की कीमत में भारी इजाफा भी हुआ है। इस बारे में कर्नाटक के उद्योग मंत्री एमबी पाटिल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म (X) पर लिखा भी था।
वहीं, एपल के सीईओ टिम कुक भी कह चुके हैं कि अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर आईफोन भारत में ही बनाए जाएंगे, जो कि लगभग तय भी था। फॉक्सकॉन का प्लांट लगभग 300 एकड़ में बन रहा था। इसके लिए 30 हजार लोगों के लिए आसपास (India-China) घर भी बन रहे थे। जिससे प्रॉपर्टी की कीमत में 30 से 35 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो गई थी और साल 2025 के आखिर तक सब बनकर तैयार होने वाला था, लेकिन आखिरी वक्त पर चीन ने धोखा दे दिया है।
चीन ने आईफोन बनाने वाली कंपनी फॉक्सकॉन के 300 इंजीनियरों को दो महीने के अंदर वापस बुला लिया है। इन्हीं इंजीनियर्स को आईफोन 17 बनाना था, साथ ही उसका टेक्नोलॉजी भी भारत के इंजीनियरों को ट्रांसफर करना था। यही इंजीनियर भारत के इंजीनियरों को इस काबिल बनाने वाले थे कि वो आईफोन जैसे फोन खुद से भारत में बना पाएं, लेकिन आखिरी वक्त पर फॉक्सकॉन ने अपने इंजीनियर वापस बुला लिए और अब इस प्लांट में सिर्फ सपोर्टिंग स्टाफ रह गया है, जो ताइवान का है।
बड़ी बात तो यह है कि इन इंजीनियरों को वापस बुलाने के पीछे न तो चीन की सरकार ने कोई तर्क दिया है और न ही फॉक्सकॉन की तरफ से कुछ कहा गया है। लेकिन यह तय है कि चीन की सरकार के दबाव के बिना फॉक्सकॉन ये काम नहीं कर सकती थी। चीन की सरकार न तो ये चाहती है कि उसकी टेक्नोलॉजी भारत या किसी भी दूसरे दक्षिण एशियाई देश तक पहुंचे और न ही वो ये चाहती है कि चीन के ऐसे इक्विपमेंट भारत के हाथ लगें। ऐसे में आईफोन 17 का प्रोडक्शन शुरू होने से पहले ही फॉक्सकॉन ने चीन की सरकार के दबाव में इंजीनियर वापस बुलाकर बड़ा झटका दे दिया।