Rohini Ghavari Chandra Shekhar Azad Case: भीम आर्मी के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद चंद्रशेखर आजाद रावण की मुश्किलें खत्म होने का नाम नहीं ले रही. मध्य प्रदेश की इंदौर निवासी और वर्तमान में स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में रह रहीं पीएचडी स्कॉलर डॉ. रोहिणी घावरी द्वारा चंद्रशेखर पर लगाए गए शादी का झांसा देकर बलात्कार, मानसिक उत्पीड़न और ब्लैकमेलिंग जैसे गंभीर आरोप ने न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, बल्कि राष्ट्रीय महिला आयोग, दिल्ली पुलिस और प्रधानमंत्री कार्यालय तक को अपनी और खींचने का प्रयास हो रहा है.
बता दें कि मामले को लेकर डॉ. रोहिणी घावरी, जो दलित समुदाय से आती हैं और जनशक्ति कल्याण फाउंडेशन की संस्थापक हैं, ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए अपनी पीड़ा साझा की. उन्होंने लिखा कि प्रधानमंत्री जी, मैंने हमेशा भारत की बेटी होने के नाते विश्व मंच पर देश का नाम रोशन करने की कोशिश की, लेकिन अब बात न्याय और आत्मसम्मान की है. मेरी शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग और दिल्ली पुलिस को भेजी जा चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई. मैं चाहती हूं कि मुझे न्याय मिले…
प्रिय प्रधानमंत्री @narendramodi जी मैंने भारत की बेटी होने के नाते विश्व पटल पर हमेशा अपने देश का सम्मान बढ़ाने का हरसंभव प्रयास किया लेकिन अब बात न्याय , आत्मसम्मान ,स्वाभिमान की है मैं चाहती हूं मेरे साथ न्याय हो !! मैंने अपनी शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग, कमिश्नर दिल्ली पुलिस… pic.twitter.com/qEu13VOTju
— Dr. Rohini Ghavari ( रोहिणी ) (@DrRohinighavari) June 28, 2025
डॉ. रोहिणी के अनुसार 2020 में उन्हें मध्य प्रदेश सरकार की स्कॉलरशिप पर विदेश पढ़ाई के लिए चुना गया था, जिसके सिलसिले में उनकी मुलाकात चंद्रशेखर से हुई. उस समय चंद्रशेखर ने खुद को अविवाहित बताया था. रोहिणी ने बताया कि वे चंद्रशेखर की पार्टी और बहुजन आंदोलन से सक्रिय रूप से जुड़ी थीं.
उनका दावा है कि जब भी वे स्विट्ज़रलैंड से भारत आती थीं, चंद्रशेखर उन्हें खुद एयरपोर्ट से रिसीव करते थे. फिर दिल्ली के होटलों और द्वारका स्थित उनके निवास पर उनसे शारीरिक संबंध बनाते थे. रोहिणी का आरोप है कि चंद्रशेखर ने शादी का वादा किया था, लेकिन 2022 में उन्हें पता चला कि वे पहले से शादीशुदा हैं. जब उन्होंने इसका विरोध किया तो उन्हें निजी तस्वीरें और वीडियो वायरल करने की धमकी दी गई.
मामले में डॉ. रोहिणी ने दिल्ली पुलिस आयुक्त और राष्ट्रीय महिला आयोग को 4 पन्नों की शिकायत भेजी है. इसमें उन्होंने बलात्कार, शोषण, धमकी और झूठे वादे करने का आरोप लगाया है.
फिलहाल इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं हुई है, लेकिन महिला आयोग की ओर से जांच की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है. शिकायत मिलने के बाद, अगर पुलिस प्राथमिक जांच में आरोपों को सही पाती है, तो चंद्रशेखर के खिलाफ आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 417 (धोखा), 506 (धमकी) और आईटी एक्ट की धाराएं लगाई जा सकती हैं.
वहीं सांसद चंद्रशेखर आज़ाद ने कुछ दिन पहले इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि यह महिला के आत्मसम्मान से जुड़ा मामला है. मैं अपना पक्ष केवल कोर्ट में रखूंगा. उन्होंने इन आरोपों को सार्वजनिक रूप से खारिज नहीं किया, लेकिन कानूनी प्रक्रिया का इंतजार करने की बात कही.
उधर ये मामला अब राजनीतिक रूप से भी गर्माता जा रहा है. राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला ने चंद्रशेखर की लोकसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की है. हालांकि कानूनी रूप से किसी सांसद की सदस्यता तभी रद्द की जा सकती है जब वह दोषी करार दिया जाए और उसके खिलाफ संगीन अपराधों में सजा सुनाई जाए. अभी यह मामला सिर्फ शिकायत स्तर पर है, न तो एफआईआर हुई है और न ही कोई अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया है. ऐसे में उनकी सदस्यता पर कोई फैसला जल्दबाजी होगा. अंतिम निर्णय कानून और न्यायालय के माध्यम से ही होगा.
चंद्रशेखर आजाद उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले के छुटमुलपुर गांव के निवासी हैं. उन्होंने भीम आर्मी नामक संगठन की स्थापना की और बाद में आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) का गठन किया. वर्तमान में वे उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले की नगीना लोकसभा सीट से सांसद हैं. वे एक प्रमुख दलित नेता के रूप में जाने जाते हैं. उनकी पत्नी का नाम वंदना और बेटे का नाम युग है.