लखनऊ। उत्तर प्रदेश की बेलगाम ब्यूरोक्रेसी के चर्चे सूबे की राजधानी लखनऊ से लेकर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली तक हर किसी की जुबान पर हैं। चाहे वो कानपुर का DM vs CMO विवाद हो या फिर स्टांप एवं पंजीयन विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायत। ब्यूरोक्रेसी लगातार प्रदेश सरकार की किरकिरी करा रही है।
इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेलगाम ब्यूरोक्रेसी पर लगाम लगाना शुरू कर दिया है। बीते दिनों उन्होंने कानपुर के डीएम और सीएमओ विवाद में हस्तक्षेप करते हुए CMO को सस्पेंड किया। वहीं अब उन्होंने दो आईएएस अधिकारियों को वेटिंग लिस्ट में डाल दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिन दो आईएएस अधिकारियों- समीर वर्मा और भवानी सिंह खंगारौत पर कार्रवाई की है, उनपर अनियमितता और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। समीर वर्मा को आईजी स्टांप के पद से हटाकर वेटिंग लिस्ट में डाला गया है। उनकी जगह पर अब प्रमुख सचिव अमित गुप्ता को आईजी स्टांप का अतिरिक्त प्रभार मिला है।
समीर वर्मा को वेटिंग लिस्ट में डालने के साथ ही योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश में स्टांप एवं पंजीयन विभाग के सभी तबादलों को भी निरस्त कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में हुए 202 तबादलों में भ्रष्टाचार और अनियमितता के आरोप लगे थे।
स्वास्थ्य विभाग के निदेशक प्रशासन भवानी सिंह खंगारौत को भी योगी सरकार ने तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटा दिया है। भवानी को भी सरकार ने वेटिंग लिस्ट में डाल दिया है। अब आईएएस अधिकारी आर्यका अखौरी को निदेशक प्रशासन स्वास्थ्य विभाग का चार्ज मिला है।