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इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने के नाम पर 36 लाख रुपए की ठगी, साइबर क्राइम टीम ने 5 आरोपियों को किया गिरफ्तार

Cyber Fraud
inkhbar News
  • Last Updated: July 10, 2025 20:09:52 IST

Cyber Fraud: गाजियाबाद पुलिस साइबर फ्रॉड के खिलाफ लगातार सख्त रुख अपनाए हुए है। ऐसे ही एक मामले में पुलिस ने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दरअसल, गाजियाबाद के निवासी महिपाल बिष्ट से इंश्योरेंस पॉलिसी के पैसों से बिटकॉइन खरीदने के नाम पर 36 लाख रुपए की ठगी कर ली गई। 24 अक्टूबर 2024 से 8 जून 2025 के बीच साइबर ठगों ने महिपाल के खाते से कई खातों में 36 लाख रुपए भी ट्रांसफर करा लिए। जिसके बाद 3 जुलाई 2025 को महिपाल ने थाना साइबर क्राइम में मुकदमा दर्ज कराया था। मामला दर्ज होते ही पुलिस जांच में जुटी थी।

पांच आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

वहीं, अब पुलिस ने 36 लाख की साइबर ठगी के मामले को सुलझाते हुए पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक,रवि प्रताप साइबर ठगी (Cyber Fraud) करने वाले गिरोह का सरगना है, जो 2020 में नोएडा की एक निजी कंपनी में काम करता था और निजी कंपनी कई प्रतिष्ठित बीमा कंपनियों का अधिकृत ग्राहक सेवा केंद्र थी। जहां से तमाम कंपनियों के ग्राहकों को पॉलिसी से जुड़ी जानकारी दी जाती थी।

कंपनी में काम के दौरान हुई थी दोस्ती

इतना ही नहीं, रवि के साथ विकास कुमार और संकेत त्यागी भी काम करता था। जहां तीनों में दोस्ती हो गई उसके बाद संकेत ने ऑफिस से ग्राहकों का डाटा चोरी कर लिया और बाद में तीनों ने नौकरी छोड़ फर्जी कॉल सेंटर शुरू कर लिया। जहां कंपनी से चुराए गए डाटा का इस्तेमाल कर खुद को तमाम कंपनियों का बीमा लोकपाल अधिकारी बनकर पॉलिसी धारकों से विभिन्न नंबरों से कॉलिंग कर मुनाफे का लालच दिया और फिर पॉलिसी धारक से अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर करा लिए।

तीन राज्यों में हुई ठगी का खुलासा

एडीसीपी सिटी धवल जायसवाल ने बताया,”पुलिस ने रवि, विकास, नवीन, अनुज और गुंजन को गिरफ्तार किया है। जिनकी गिरफ्तारी से 44 लाख रुपए की साइबर फ्रॉड (Cyber Fraud) की तीन राज्यों में तीन घटनाओं का खुलासा हुआ है। इनमें आरोपी रवि प्रताप और विकास साइबर धोखाधड़ी के मामले में पहले भी जेल जा चुका है। जबकि अनुज यूपी के जालौन से चोरी की दो घटनाओं में जेल जा चुका है।”

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बता दें कि गैंग के सदस्य अपने खातों के बजाय अन्य लोगों के खातों में पैसे ट्रांसफर करवाते थे। जब खातों में रकम इकट्ठा हो जाती थी तो एटीएम से निकालकर आपस में बांट लेते थे। इतना ही नहीं, पुलिस की ट्रेसिंग से बचने के लिए आरोपी फर्जी आईडी पर फ्री एक्टीवेटेड सिम कार्ड का इस्तेमाल करते थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों के कब्जे से पांच मोबाइल फोन, लैंडलाइन डिवाइस, चेक, एटीएम कार्ड, SUV कार और एक लाख 83 हजार रुपए नगद बरामद हुए हैं।

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