Election Commission:निर्वाचन आयोग ने सख्ती दिखाते हुए उत्तर प्रदेश की 119 सियासी पार्टियों को नोटिस जारी किया है। इन पार्टियों के नेताओं ने पहले खुद को नेता घोषित किया और फिर अपनी-अपनी राजनीतिक पार्टियां बनाकर उसे निर्वाचन आयोग में रजिस्टर्ड भी करा लिया। वहीं पिछले दो लोकसभा चुनावों में यानी 2019 और 2024 में इन लोगों ने एक भी चुनाव अपनी पार्टी से नहीं लड़ा। ऐसे में आयोग ने इन लोगों से 14 जुलाई तक जवाब मांगा है। वहीं इसे लेकर 21 जुलाई को सुनवाई भी रखी गई है। साथ ही चेतावनी दी गई है कि अगर निर्धारित तारीख तक कोई जवाब नहीं दिया गया तो पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा।
निर्वाचन आयोग के मुताबिक लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के प्रावधानों के तहत पंजीकृत 119 राजनीतिक दलों ने साल 2019 से 2024 के बीच एक भी चुनाव नहीं लड़ा। ऐसे में मुख्य निर्वाचन अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसके बाद निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की तरफ से नोटिस जारी किया गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा की तरफ से जारी नोटिस में पार्टी के अध्यक्ष/ महासचिव से अपना प्रत्यावेदन, हलफनामा समेत जरूरी दस्तावेज 14 जुलाई तक जमा करने को कहा गया है। जिससे कि 21 जुलाई को होने वाली सुनवाई में इसे शामिल किया जा सके।
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यह भी कहा गया है कि अगर पार्टी की तरफ से जारी नोटिस के सम्बन्ध में निर्धारित तारीख के भीतर प्रत्यावेदन उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो माना जाएगा कि पार्टी इस मामले में कुछ नहीं चाहती है। जिसके बाद पार्टी को राजनीतिक दलों की सूची से हटाने की संस्तुति समेत प्रस्ताव भारत निर्वाचन आयोग (Election Commission) को भेज दिया जाएगा। यह कारण बताओ नोटिस को राजनीतिक दलों की ओर से दिए गए पते पर भेजा गया है।
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