Kanwar Yatra incident: उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा के दौरान दुकानों, होटल और ढाबों पर नेम प्लेट लगाने के आदेश दिए हैं। इसी बीच मुजफ्फरनगर में दिल्ली-देहरादून हाईवे पर ढाबा मालिकों से जबरन धर्म पूछने और पैंट उतरवाने का मामला सुर्खियों में बना हुआ है। जिसको लेकर अब समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद एसटी हसन ने पैंट उतारकर धर्म की पहचान करने वालों को पहलगाम हमले के आतंकियों की तरह ही बता दिया। पूर्व सांसद ने कहा कि उन्हें किसने पैंट उतारकर धर्म की जांच का अधिकार दिया है।
“अगर वो मुस्लिम होता तो…”
एसटी हसन ने कहा, वह तो गनीमत है कि जिसकी जांच की गई वो हिंदू निकला। अगर वो मुस्लिम होता तो उसकी मॉब लिंचिंग कर दी जाती। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने यह काम किया है, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। यशवीर महाराज पर पहले से केस दर्ज है। मुरादाबाद के पूर्व सांसद ने कहा कि अन्य 6 आरोपियों को नोटिस देने के मामले में जो आंदोलन करने की बात कर रहे हैं, वो सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ना चाहते हैं। हिंदू-मुसलमान को मिलकर रहना चाहिए।
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वहीं, इस मामले पर हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, मुजफ्फरनगर हाईवे के पास (Kanwar Yatra incident) कई होटल हैं ऐसे हैं जो कई सालों से चल रहे हैं। मुझे ये नहीं समझ में आ रहा है कि 10 साल पहले इन जगहों पर कोई समस्या क्यों नहीं थी। यहां कांवड़ यात्रा शांतिपूर्वक कैसे निकाली गई? यह सब अभी क्यों हो रहा है? ये कौन सा निगरानी समूह है, जो होटल मालिकों से पैंट खोलने को कह रहा है? क्या वो सरकार चला रहे हैं या प्रशासन सरकार चला रहा है? ओवैसी ने पुलिस से आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग की।
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असदुद्दीन ओवैसी ने इसे एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा बताया। उन्होंने कहा कि यह सब इसलिए किया जा रहा है ताकि एक विशेष वर्ग को टारगेट किया जा सके। उन्होंने कहा कि होटल में जाकर जबरन किसी से आधार कार्ड मांगना, पैंट उतरवाना गैरकानूनी है। आप कौन होते हैं ऐसा करने वाले?