Ghaziabad News : उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत सिंह यादव के साथ हुई बदसलूकी और मारपीट की घटना ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है। इस मामले में समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर लगाए गए आरोपों के जवाब में उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने गाजियाबाद में तीखा पलटवार किया। कश्यप ने अखिलेश पर तुष्टिकरण की राजनीति करने और समाज को बांटने का आरोप लगाया।
इटावा के दांदरपुर गांव में कथावाचक मुकुट मणि यादव और उनके सहयोगी संत सिंह यादव के साथ कथित तौर पर मारपीट, उनकी चोटी काटने, नाक रगड़वाने और जातिसूचक टिप्पणियों का मामला सामने आया था। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इसे जातिगत अत्याचार और भाजपा सरकार की नाकामी से जोड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा हिंदुओं को आपस में तोड़ने की कोशिश कर रही है और यह घटना उनकी वर्चस्ववादी मानसिकता का परिणाम है। अखिलेश ने पीड़ित कथावाचकों को लखनऊ बुलाकर सम्मानित किया और 21-21 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की, साथ ही सपा की ओर से 51-51 हजार रुपये देने की घोषणा की।
गाजियाबाद में एक प्रेस वार्ता के दौरान नरेंद्र कश्यप ने अखिलेश यादव के बयानों की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, “इटावा में जो हुआ, उस पर सरकार की पूरी नजर है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए त्वरित कार्रवाई की गई है, और आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी भी हो चुकी है। लेकिन अखिलेश यादव ऐसी घटनाओं का इस्तेमाल समाज को बांटने और तुष्टिकरण की राजनीति करने के लिए करते हैं।”कश्यप ने आगे कहा, “सपा का इतिहास रहा है समाज को जातियों में बांटकर वोटबैंक की राजनीति करने का। अखिलेश यादव को ऐसी घटनाओं पर सियासत करने से बचना चाहिए। हमारी सरकार सभी वर्गों के लिए समान न्याय और सुशासन सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। समाज के बीच सामंजस्य बनाना हमारा लक्ष्य है, न कि उसे तोड़ना।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि भाजपा सरकार में कानून का राज स्थापित है और किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह किसी भी जाति या समुदाय से हो।