Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश सरकार राज्य (Uttar Pradesh government) के पर्यटन क्षेत्र को नई दिशा देने की दिशा में एक और महत्वाकांक्षी कदम उठाने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi) के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने पर्यटकों के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए एक अभिनव पहल की शुरुआत की है। इसके तहत राज्य के 100 प्रमुख पर्यटन स्थलों पर QR कोड आधारित ऑडियो टूर की सुविधा शुरू की जा रही है, जो देसी-विदेशी पर्यटकों को एक अनूठा अनुभव प्रदान करेगी।
पर्यटन विभाग की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, ऐतिहासिक महत्व और प्राकृतिक सुंदरता को डिजिटल तकनीक के माध्यम से दुनिया भर के पर्यटकों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। यह कदम न केवल पर्यटन को बढ़ावा देगा बल्कि उत्तर प्रदेश को एक आधुनिक पर्यटन गंतव्य के रूप में स्थापित करने में भी सहायक सिद्ध होगा।
इस परियोजना की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि ऑडियो टूर 15 भाषाओं में उपलब्ध होंगे। इसमें 10 भारतीय भाषाएं – हिंदी, बंगला, तमिल, तेलुगु, मराठी, गुजराती, अंग्रेजी, कन्नड़, ओडिया और मलयालम शामिल हैं। वहीं अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की सुविधा के लिए 5 विदेशी भाषाओं – फ्रेंच, स्पेनिश, जर्मन, जापानी और मंदारिन में भी ऑडियो कंटेंट उपलब्ध होगा। पर्यटकों को 5 से 7 मिनट की आकर्षक ऑडियो कहानियों के माध्यम से प्रत्येक पर्यटन स्थल की विस्तृत जानकारी मिलेगी। ये ऑडियो टूर प्रोफेशनल वॉयसओवर कलाकारों द्वारा रिकॉर्ड किए जाएंगे और इनमें बैकग्राउंड म्यूजिक तथा परिवेशीय ध्वनियां भी शामिल होंगी।
यह परियोजना उत्तर प्रदेश के 100 चुनिंदा और प्रतिष्ठित पर्यटन स्थलों को कवर करेगी। इनमें प्रयागराज का त्रिवेणी संगम और आनंद भवन, अयोध्या की श्री राम जन्मभूमि और कनक भवन, वाराणसी का काशी विश्वनाथ मंदिर और प्रसिद्ध गंगा आरती, आगरा का विश्व प्रसिद्ध ताजमहल, मथुरा-वृंदावन की श्री कृष्ण जन्मभूमि और बांके बिहारी मंदिर तथा लखनऊ का ऐतिहासिक बड़ा इमामबाड़ा जैसे महत्वपूर्ण स्थान शामिल हैं।
योगी सरकार की यह पहल डिजिटल तकनीक को अपनाकर पर्यटन को आधुनिक और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। QR कोड को उत्तर प्रदेश पर्यटन की आधिकारिक वेबसाइट और मोबाइल ऐप (एंड्रॉयड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म) के साथ एकीकृत किया जाएगा। इससे पर्यटक आसानी से सामग्री तक पहुंच सकेंगे। विशेष रूप से कम नेटवर्क कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों की समस्या को ध्यान में रखते हुए ऑफलाइन पहुंच का भी प्रावधान रखा गया है। इससे पर्यटक बिना किसी रुकावट के सभी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।