Chinese President Xi Jinping disappear How much truth is there in military discontent and internal rebellion in China
China-India relations : बीते कुछ दिनों से मीडिया और सार्वजनिक कार्यक्रम से चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की दूरी को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है.चीनी राष्ट्रपति की सार्वजनिक रूप से अनुपस्थिति अंतरराष्ट्रीय हलकों में भी चर्चा का विषय है. आमतौर पर सार्वजनिक जीवन में सक्रिय रहने वाले जिनपिंग मई के अंतिम सप्ताह से न तो किसी आधिकारिक कार्यक्रम में दिखे हैं और न ही चीनी सरकारी मीडिया ने उनके नियमित कवरेज दिखाई हैं. ऐसे में उनको लेकर चीन के भीतर और बाहर राजनीतिक अस्थिरता की अटकलों को हवा दे रही है.
अंतरराष्ट्रीय राजनीति के जानकारों की मानें तो शी जिनपिंग की यह रहस्यमय अनुपस्थिति चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के भीतर किसी गहरे संघर्ष या असंतोष का संकेत है. बता दें कि कई मीडिया रिपोर्ट्स में यह दावा भी किया जा रहा है कि जिनपिंग को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के उच्च अधिकारियों के साथ का भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है.
गौर करने वाली बात है कि एक समय में शी जिनपिंग पर केंद्रित रहने वाली चीन की सरकारी मीडिया ने बीते कुछ दिनों में राष्ट्रपति से दूरी बनाकर रखी है. इसके साथ साथ विदेशी मेहमानों के साथ होने वाली भेंट मुलाकात की जिम्मेदारी अब निचले स्तर के अधिकारी निभा रहे हैं. यह असामान्य संकेत है. उधर इस बात की भी पुष्टि हो चुकी है कि शी आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे. ब्रिक्स समूह में एक अग्रणी शक्ति का बिना किसी कारण से पैर पीछा कर लेना संदेह का कारण तो है.
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को एक मजबूत, सत्तावादी और निर्णायक नेता के रूप में देखा जाता रहा है. अपने शासनकाल में न केवल पार्टी के नियमों में बदलाव कर बल्कि सेना और प्रशासन में व्यापक स्तर पर फेरबदल कर देश में जिनपिंग ने पकड़ मजबूत की लेकिन पिछले कुछ महीनों में PLA के भीतर से लगातार आ रही असंतोष की खबरें जिनपिंग के लिए अच्छे संकेत नहीं है. इस बीच कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को पद से हटाना, अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू करना भी असंतोष की वजह है.
जून की शुरुआत में बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ हुई मुलाकात के दौरान जिनपिंग की बॉडी लैंग्वेज और सुरक्षा व्यवस्था में आए बदलावों ने भी पर्यवेक्षकों को काफी चौंकाया. जिसके तुरंत बाद जिनपिंग के दिवंगत पिता की समाधि पर होने वाला वार्षिक कार्यक्रम भी बिना किसी कारण के चुपचाप रद्द कर दिया गया.
इधर शी जिनपिंग के गायब होने की स्थिति में सबसे बड़ा सवाल यह है कि उनका उत्तराधिकारी कौन होगा. इसको लेकर PLA के जनरल झांग यूक्सिया का नाम प्रमुखता से सामने आ रहा है. इसके अलावा झांग यूक्सिया जो कभी शी के करीबी माने जाते थे,अब कथित रूप से उनकी नीतियों के मुखर आलोचक बनते जा रहे हैं. ऐसी भी अटकलें है कि झांग यूक्सिया को पूर्व राष्ट्रपति हू जिंताओ का समर्थन प्राप्त हैं.
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