United Nations : भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया.संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवादियों को किसी भी तरह की छूट नहीं दी जानी चाहिए,उनके साथ किसी भी तरह का अच्छा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए और परमाणु ब्लैकमेल के आगे नहीं झुकना चाहिए.
30 जून से 11 जुलाई तक चलेगी डिजिटल प्रदर्शनी
संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम आतंकवाद की मानवीय कीमत नामक एक डिजिटल प्रदर्शनी का उद्घाटन करते हुए भारतीय विदेशी मंत्री ने
कार्यक्रम स्थल पर मौजूद राजनयिकों, वरिष्ठ संयुक्त राष्ट्र अधिकारियों और दूतों को संबोधित करते हुए जयशंकर ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर भारत की कड़ी प्रतिक्रिया को भी रेखांकित किया.
उन्होंने कहा कि दुनिया को कुछ बुनियादी अवधारणाओं पर एक साथ आना चाहिए. जय शंकर की यह टिप्पणी 30 जून से 3 जुलाई और फिर 7 से 11 जुलाई तक संयुक्त राष्ट्र में प्रदर्शित होने वाली यह प्रदर्शनी पाकिस्तान द्वारा सुरक्षा परिषद की महीने भर की अध्यक्षता शुरू करने से एक दिन पहले आई है.
पहलगाम हमले की कड़ी निंदा
इस दौरान जयशंकर ने कहा कि पांच सप्ताह पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की थी और जवाबदेही की मांग की थी. घटना के दो सप्ताह बाद भारत ने सीमा पार पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ढाँचे को निशाना बनाते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया.
उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य प्रायोजित गतिविधि को उजागर किया जाना चाहिए और उसका मुकाबला किया जाना चाहिए.अब तक हम अच्छी तरह से जान चुके हैं कि कहीं भी आतंकवाद हर जगह शांति के लिए खतरा है. इस समझ को हमारी सामूहिक सोच और प्रतिक्रिया का मार्गदर्शन करने दें. आतंकवाद को मानवता के लिए सबसे गंभीर खतरों में से एक बताते हुए जयशंकर ने कहा कि यह उन सभी चीज़ों के विपरीत है जिनके लिए संयुक्त राष्ट्र खड़ा है. मानवाधिकार, नियम और मानदंड और राष्ट्रों को एक-दूसरे के साथ कैसे व्यवहार करना चाहिए.