नई दिल्ली। अफगानिस्तान की तालिबान सरकार को रूस ने आधिकारिक तौर पर मान्यता दे दी है। रूस दुनिया का पहला देश बन गया है, जिसने तालिबान सरकार को मान्यता दी है। गुरुवार को काबुल में अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी और अफगानिस्तान में रूसी राजदूत दिमित्री झिरनोव के बीच महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस मीटिंग के बाद रूस ने तालिबान सरकार को मान्यता देने की घोषणा की।

मान्यता मिलना क्या होता है

बता दें कि जब एक देश दूसरे देश को आधिकारिक रूप से मान्यता देता है तो फिर वह उसे एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मानने लगता है। यानी उस देश के पास अपनी सरकार है, अपनी सीमा है और वो दूसरे देशों से संबंध स्थापित कर सकता है। यह मान्यता साल 1933 की मोंटेवीडियो संधि जैसे अंतरराष्ट्रीय कानूनों के आधार पर दी जाती है। मान्यता मिलने के बाद किसी देश को वैधता तो मिलती ही है, इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं में जगह और दूसरे देशों से व्यापार करने का मौका भी मिलता है।

2021 से सत्ता में है तालिबान

तालिबान 15 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज हुआ था। अमेरिका और भारत समेत दुनिया के लगभग सभी देशों ने अभी तक तालिबान को अफगानिस्तान की सरकार के तौर पर मान्यता प्रदान नहीं की है। अफगानिस्तान लगातार दुनिया से यह गुहार लगाता रहता है कि उसे मान्यता प्रदान की जाए।

तालिबान के रक्षा मंत्री मुल्लाह मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने पिछले दिनों दावा किया था कि तालिबान सरकार ने मान्यता प्राप्त करने के लिए जरूरी सभी शर्तों को पूरा कर लिया है। लेकिन अमेरिका के दबाव की वजह से दूसरे देश हमें मान्यता प्रदान नहीं कर रहे हैं।

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