नई दिल्ली। आसमान का बादशाह कहा जाने वाला ब्रिटिश रॉयल नेवी का फाइटर जेट F-35 पिछले 13 दिनों से केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर खड़ा है। 14 जून की रात केरल के तिरुवनंतपुरम इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर इस फाइटर जेट की इमरजेंसी लैंडिंग हुई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक लैंडिंग के बाद फाइटर जेट में तकनीकी खराबी आ गई, जिसकी वजह से फिर यह वापस नहीं जा सका।

ब्रिटेन से आई इंजीनियर्स की टीम

फिलहाल 13 दिन से यह फाइटर जेट केरल के एयरपोर्ट पर ही खड़ा है। 918 करोड़ रुपए की कीमत वाला यह लड़ाकू विमान ब्रिटिश रॉयल नेवी के HMS प्रिंस ऑफ वेल्स कैरियर स्ट्राइक ग्रुप का हिस्सा है। F-35 को दुनिया के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट में से एक माना जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जेट को ठीक करने के लिए ब्रिटेन से इंजीनियर्स की टीम को बुलाया गया था।

लेकिन कई बार रिपेयरिंग के बाद भी विमान अभी उड़ने की स्थिति में नहीं है। ब्रिटेन से आई इंजीनियरों की टीम अब तक विमान को रिपेयर नहीं कर पाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब लड़ाकू विमान को मिलिट्री कार्गो एयरक्राफ्ट के जरिए टुकड़ों में वापस ब्रिटेन ले जाया जाएगा। इस बीच सोशल मीडिया पर विमान की तस्वीरें काफी ज्यादा वायरल हो रही हैं। यूजर्स तरह-तरह के सवाल कर रहे हैं कि क्या विमान के भारत में रुकने की वजह तकनीकी खराबी ही है या फिर कुछ और…

बेहद खास है एफ-35 फाइटर जेट

ब्रिटिश एयर फोर्स में लाइटनिंग के नाम से मशहूर F-35 मॉडल, फाइटर जेट का शॉर्ट टेक ऑफ/वर्टिकल लैंडिंग (STOVL) वैरिएंट है। इसे खास मिशन के लिए डिजायन किया गया है, जिसमें शॉर्ट-फील्ड बेस और एयर कैपेबल जहाजों से ऑपरेट करना शामिल है। बता दें कि F-35B पांचवीं पीढ़ी का एकमात्र ऐसा लड़ाकू विमान है जिसमें छोटी उड़ान और वर्टिकल लैंडिंग की क्षमता है।

अमेरिका की लॉकहीड मार्टिन कंपनी ने F-35B को डेवलप किया है। कंपनी ने साल 2006 इस प्लेन को बनाना शुरू किया था। बनकर तैयार होने के बाद साल 2015 यह अमेरिका की वायुसेना में शामिल हुआ। एफ-35 को पेंटागन के इतिहास का सबसे महंगा विमान माना जाता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक एक F-35 फाइटर प्लेन पर अमेरिका करीब 715 करोड़ रुपए खर्च करता है।

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