नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चर्चित वन बिग ब्यूटीफुल बिल (One Big Beautiful Bill) अमेरिकी संसद के दोनों सदनों से पास हो गया है। गुरुवार देर रात इसे हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में पेश किया गया, जहां 218-214 के अंतर से यह पास हुआ। यह बिल ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की एक बड़ी उपलब्धि बताई जा रही। विधेयक सीनेट और हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में पेश होने के बाद राष्ट्रपति के पास भेजा गया है। इस विधेयक पर वोटिंग के दौरान 2 रिपब्लिकन सांसदों ने पार्टी लाइन से हटकर डेमोक्रेटिक के पक्ष में मत डाला।
डेथ टैक्स से दिलवाई आजादी
डोनाल्ड ट्रंप ने इस बिल के पास होने पर कहा कि मैंने लाखों परिवारों को डेथ टैक्स से आजादी दिलाई है। अमेरिका के स्वतंत्रता दिवस पर इससे बेहतर गिफ्ट लोगों के लिए नहीं हो सकता। लोगों से जो मैंने वादा किया था, वह पूरा कर रहा हूं। बिल पारित होने के बाद व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने संवाददाताओं को बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप शुक्रवार शाम 5 बजे अपने प्रमुख कर छूट और खर्च कटौती बिल पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रहे हैं। 4 जुलाई को हस्ताक्षर समारोह ऐसे समय में होगा जब इस छुट्टी के अवसर पर व्हाइट हाउस में पिकनिक का आयोजन किया जाएगा।
800 पेज का है One Big Beautiful Bill
800 से अधिक पृष्ठों के इस बिल को पारित करवाने के लिए ट्रंप को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। जीओपी नेताओं को इस बिल के लिए रात भर काम करना पड़ा और ट्रंप ने पर्याप्त वोट पाने के लिए होल्डआउट्स पर व्यक्तिगत रूप से दबाव भी बनाया। इस बिल में कर कटौती, सैन्य बजट, रक्षा और ऊर्जा उत्पादन के लिए खर्च में वृद्धि के साथ-साथ स्वास्थ्य और पोषण कार्यक्रमों में कटौती जैसे प्रमुख प्रावधान शामिल हैं।
क्या कह रहा विपक्ष
यह बिल (One Big Beautiful Bill)अवैध प्रवासियों के बड़े पैमाने पर निर्वासन के लिए खर्च बढ़ाने से भी संबंधित है। जबकि अन्य विपक्ष का मानना है कि इस खर्च से देश के स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों पर असर पड़ने की संभावना है। इसी वजह से उद्योगपति एलन मस्क समेत एक बड़ा वर्ग इस बिल के खिलाफ है और इसकी आलोचना कर रहा है। ट्रंप प्रशासन के अनुसार, यह विधेयक 2017 के टैक्स कट्स एंड जॉब्स एक्ट को स्थायी रूप से लागू करने के साथ-साथ उनके चुनावी वादों को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, इस विधेयक के पारित होने से कांग्रेस के भीतर मतभेद पैदा हो गए हैं।